अडानी समूह (Adani Group) का गुजरात स्थित मुंद्रा पोर्ट अब भारत के समुद्री उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर चुका है। 26 मई 2024 को, इस पोर्ट ने इतिहास रचते हुए भारत के किसी भी पोर्ट पर आने वाले सबसे बड़े कंटेनर जहाज, एमएससी अन्ना (MSC Anna), का स्वागत किया। यह 400 मीटर लंबा जहाज, जिसकी क्षमता 19,200 टीईयू (TEU – Twenty-Foot Equivalent Units) है, ने मुंद्रा की विशाल क्षमता को दर्शाया। यह उपलब्धि मुंद्रा की वैश्विक शिपिंग केंद्र के रूप में पहचान को और मजबूत करती है और अडानी के पहले से ही विशाल बुनियादी ढांचे को और विस्तार देने की महत्वाकांक्षा को उजागर करती है।
मुंद्रा पोर्ट की कुछ प्रमुख विशेषताएँ
विशेषता | विवरण |
---|---|
स्थान | गुजरात, भारत |
क्षेत्रफल | 35,000 एकड़ से अधिक |
ड्राफ्ट गहराई | 16.3 मीटर (गहरे ड्राफ्ट वाले जहाजों को संभालने में सक्षम) |
क्षमता (TEU) | 19,200 TEU (एमएससी अन्ना की क्षमता, सबसे बड़ा कंटेनर जहाज) |
कार्गो हैंडलिंग क्षमता | 155 मिलियन टन (वर्ष 2023 में) |
रैक और कंटेनर हैंडलिंग | 500,000 TEU (2023 में रेक्स द्वारा) |
कुल जहाज डॉकिंग | 6,573 जहाज (वर्ष 2023 में) |
विशेष उपलब्धियाँ | भारत का पहला पोर्ट जिसने 3 मिलियन TEU सालाना प्रोसेस किया |
अंबिशन (Ambition) | 2025 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य |
प्रमुख निवेश | 45,000 करोड़ रुपये का विस्तार |
अनुकूलन | विभिन्न प्रकार के कार्गो जैसे कि सोयाबीन, चावल, एलएनजी, और कच्चा तेल |
ऑपरेशनल दक्षता | सभी मौसमों में संचालन की क्षमता और तेजी से टर्नअराउंड टाइम |
मुंद्रा पोर्ट के वाणिज्यिक लाभ
मुंद्रा भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक पोर्ट बन गया है, जो 35,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पोर्ट गहरे ड्राफ्ट, सभी मौसमों में संचालन क्षमता, और अत्याधुनिक तकनीक का अनूठा संयोजन प्रदान करता है, जिससे यह विशाल कार्गो वॉल्यूम को प्रभावी ढंग से संभाल सकता है। 16.3 मीटर का गहरा ड्राफ्ट, जो मुंद्रा को अन्य भारतीय पोर्ट से अलग बनाता है, इसे एमएससी अन्ना जैसे बड़े जहाजों को संभालने में सक्षम बनाता है।
अरब सागर के किनारे मुंद्रा का रणनीतिक स्थान इसे वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण गेटवे बनाता है। पोर्ट को व्यापक लॉजिस्टिक्स सुविधाओं, बहु-मोडल परिवहन और शीर्ष स्तर के कंटेनर टर्मिनलों के साथ एकीकृत किया गया है, जो जहाजों के टर्नअराउंड समय को कम करता है और दक्षता को बढ़ाता है। इस एकीकरण ने मुंद्रा को 16 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) कार्गो को एक महीने में संभालने और अपने कंटेनर टर्मिनल पर सालाना 3 मिलियन टीईयू से अधिक प्रोसेस करने जैसे रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धियाँ हासिल करने में मदद की है।
बड़े निवेश और भविष्य का विस्तार
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) ने मुंद्रा के लिए 45,000 करोड़ रुपये के महत्वाकांक्षी विस्तार योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य इसकी क्षमता को बढ़ाना और इसे वैश्विक लॉजिस्टिक्स में अपनी भूमिका को और मजबूत करना है। यह निवेश न केवल कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों की एक विस्तृत श्रृंखला को सेवाएं प्रदान करने की पोर्ट की क्षमता को भी बढ़ाएगा, जिससे भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थिति मजबूत होगी।
इसके अलावा, मुंद्रा का विविधीकृत संचालन भी तेजी से बढ़ रहा है, जहां पोर्ट सोयाबीन और चावल से लेकर एलएनजी और कच्चे तेल तक हर चीज को संभाल रहा है।
यह विविधीकरण एपीएसईजेड (APSEZ) की व्यापक रणनीति के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कार्गो पर निर्भरता को कम करना और नए क्षेत्रों में विस्तार करना है।
सरकारी प्रोत्साहन और समर्थन
भारतीय सरकार ने मुंद्रा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए हैं जो देश के समुद्री बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने के लिए हैं। इनमें विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) के लिए कर प्रोत्साहन, पोर्ट विकास में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नीतियाँ, और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को सुव्यवस्थित करने वाली पहलें शामिल हैं। मुंद्रा का विकास भारत के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है, जिसमें देश की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाना और वैश्विक व्यापार में अधिक हिस्सेदारी प्राप्त करना शामिल है।
मुंद्रा पोर्ट का भविष्य
भविष्य की दृष्टि से, मुंद्रा की वैश्विक शिपिंग और लॉजिस्टिक्स परिदृश्य में भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है। बढ़ते निवेश, विश्व-स्तरीय अवसंरचना, और सरकारी समर्थन के साथ, यह पोर्ट दुनिया के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक बनने की दिशा में अग्रसर है। एपीएसईजेड का 2025 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का विजन और कुशल संचालन के लिए उन्नत तकनीक को अपनाने की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करती है कि मुंद्रा पोर्ट समुद्री क्षेत्र में स्थिरता और नवाचार में अग्रणी बना रहेगा।
बोनस कंटेंट
बंदरगाह संबंधित व्यवसाय में प्रयोग होने वाली कुछ प्रमुख शब्दावली जो आपको महत्वपूर्ण अवधारणाएं समझने में मदद करेगी:
एमएमटी (MMT – मिलियन मीट्रिक टन): यह एक माप की इकाई है जिसका उपयोग भारी मात्रा में सामान के वजन को मापने के लिए किया जाता है। एक मीट्रिक टन 1,000 किलोग्राम के बराबर होता है। इसलिए “एमएमटी” का मतलब लाखों मीट्रिक टन होता है, जो सामान के कुल वजन को व्यक्त करने का एक तरीका है, खासकर बंदरगाहों पर।
टीईयू (TEU – ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट): यह एक मानक माप है जिसका उपयोग शिपिंग में कंटेनर जहाज या टर्मिनल की क्षमता को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। एक टीईयू का मतलब एक मानक 20-फुट लंबा शिपिंग कंटेनर जितनी जगह से होता है। बड़े कंटेनर (40 फुट) को 2 टीईयू के रूप में गिना जाता है।
बर्थ (Berth): बर्थ एक विशेष स्थान होता है जहाँ जहाज बंदरगाह पर आकर रुकते हैं ताकि वे सामान को लोड या अनलोड कर सकें। इसे बंदरगाह पर जहाजों के लिए पार्किंग स्थल की तरह समझ सकते हैं।
बल्क कार्गो (Bulk Cargo): यह ढेर सारे ढीले सामानों को संदर्भित करता है जैसे अनाज, कोयला या खनिज, जिन्हें जहाज के होल्ड (जहाज के अंदर बड़ा भंडारण स्थान) में सीधे लोड किया जाता है, बजाय इसके कि उन्हें कंटेनरों में पैक किया जाए।
बल्क वेसल (Bulk Vessel): बल्क वेसल एक विशेष प्रकार का जहाज होता है जो बल्क कार्गो ले जाने के लिए डिजाइन किया गया होता है। ये जहाज ढीले सामान जैसे कोयला, सीमेंट या अनाज को अपने बड़े खुले भंडारण क्षेत्रों में ले जाते हैं।
कंटेनर (Container): कंटेनर एक बड़ा धातु का बॉक्स होता है जिसका उपयोग सामान को परिवहन करने के लिए किया जाता है। इन्हें जहाजों, ट्रेनों और ट्रकों पर लादा जाता है और लंबी यात्राओं के दौरान उत्पादों को सुरक्षित रखा जाता है।
गैन्ट्री क्रेन (Gantry Crane): गैन्ट्री क्रेन एक बड़ा, भारी क्रेन होता है जिसका उपयोग बंदरगाहों पर कंटेनरों को जहाजों से उठाने या लोड करने के लिए किया जाता है। यह एक विशाल यांत्रिक हाथ की तरह होता है जो पूरे कंटेनरों को उठाकर सही जगह पर रख सकता है।
डेक बार्ज (Deck Barge): डेक बार्ज एक सपाट-नीचे वाली नाव होती है जिसमें अपना इंजन नहीं होता। इसका उपयोग भारी या बड़े आकार के सामान (जैसे निर्माण सामग्री या मशीनरी) को पानी के माध्यम से ले जाने के लिए किया जाता है। इसे आमतौर पर टगबोट द्वारा खींचा या धक्का दिया जाता है।
ओवरसाइज कार्गो (Oversize Cargo): यह ऐसे सामान होते हैं जो मानक कंटेनरों में फिट नहीं होते, जैसे बड़े आकार की मशीनरी, औद्योगिक उपकरण या पवन टरबाइन के ब्लेड। इन बड़े आकार के सामानों को ले जाने के लिए विशेष उपकरण या वाहन की आवश्यकता होती है।
डेमरेज (Demurrage): यह एक शुल्क होता है जो तब लिया जाता है जब कंटेनर समय सीमा से अधिक समय तक बंदरगाह या टर्मिनल में पड़े रहते हैं। यदि कंटेनर समय पर नहीं उठाया गया या अनलोड नहीं किया गया, तो मालिक को देरी के लिए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
कार्गो (Cargo): माल या उत्पाद जो जहाजों, ट्रकों, या ट्रेनों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजे जाते हैं।
ड्राफ्ट (Draft): जहाज के नीचे से लेकर पानी की सतह तक की गहराई, जो यह तय करती है कि कौन से जहाज कितनी गहराई वाले बंदरगाह में जा सकते हैं।
लॉजिस्टिक्स (Logistics): उत्पादों, वस्तुओं, और सेवाओं के सही समय पर सही स्थान तक पहुँचाने की प्रक्रिया, जिसमें भंडारण, परिवहन, और वितरण शामिल है।
टर्मिनल (Terminal): एक स्थान जहाँ जहाज या ट्रक आते हैं और कार्गो लोड या अनलोड किया जाता है।
वेसल (Vessel): समुद्री जहाज जो कार्गो या यात्री परिवहन के लिए उपयोग किया जाता है।
बुल्क शिपिंग (Bulk Shipping): बड़े पैमाने पर ढीले माल जैसे अनाज, खनिज या तेल का सीधे जहाज के होल्ड में लोड करना, बिना पैकेजिंग या कंटेनरों के।
फ्रेट (Freight): कार्गो या माल जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन के लिए भेजा जाता है।
डॉकेज (Dockage): वह शुल्क जो जहाज बंदरगाह पर रुकने के लिए भुगतान करता है।
इंटरमोडल ट्रांसपोर्ट (Intermodal Transport): कार्गो को कंटेनरों में विभिन्न प्रकार के परिवहन जैसे जहाज, ट्रक और ट्रेन के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना।
About the Author
Sudeep Chakravarty
नमस्कार दोस्तों ! मेरा नाम सुदीप चक्रवर्ती है और मैं बनारस का रहने वाला हूँ । नए-नए विषयो के बारे में पढ़ना, लिखना मुझे पसंद है, और उत्सुक हिंदी के माध्यम से उन विषयो के बारे में सरल भाषा में आप तक पहुंचाने का प्रयास करूँगा।
Leave a Reply