Home » विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology) » मूनलाइटिंग क्या है, और यह इतनी चर्चा में क्यों है? – What is Moonlighting

मूनलाइटिंग क्या है, और यह इतनी चर्चा में क्यों है? – What is Moonlighting

मूनलाइटिंग ने तब सुर्खियां बटोरीं जब अगस्त २०२२ की शुरुआत में स्विगी (Swiggy) ने अपने कर्मचारियों को कुछ दिशानिर्देशों और प्रतिबंधों के अधीन बाहरी परियोजनाओं पर काम करने की अनुमति दी थी।

मूनलाइटिंग क्या है, और इतनी चर्चा में क्यों है ?

वर्क फ्रॉम होम (Work from home) ऑपरेटिंग मॉडल ने भारत में, विशेषकर आईटी कंपनियों के द्वारा मूनलाइटिंग को प्रचलित किया गया है, जो अब कंपनियों के भीतर अनुपालन (Compliance) से जुड़े मामलों को जन्म दे रहा है और इस बात पर भी बहस छिड़ गई है कि, क्या मूनलाइटिंग वैध है या अवैध?

मूनलाइटिंग क्या है?

मूनलाइटिंग सामान्य कार्य-समय के बाहर दूसरी नौकरी करने के अभ्यास को संदर्भित करता है। एक कर्मचारी आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में सामन्यतः ९ से ५ की नौकरी करता है लेकिन अतिरिक्त पैसा कमाने के लिए अगर वह एक अलग नौकरी, अपने प्राथमिक नौकरी के कार्य-समय समाप्त होने के बाद करता है तो वह मूनलाइटिंग के अन्तर्गत आता है।

निजी कंपनियों के लिए काम करने वाले कर्मचारी मूनलाइटिंग से सम्बंधित नीतियों के अधीन हो सकते हैं। कुछ कंपनियाँ नहीं चाहती है कि उसके कर्मचारी अतिरिक्त काम करें जबकि अन्य कुछ कंपनियाँ जैसे Swiggy , Cred  मूनलाइटिंग को प्रोत्साहन दे रहे है। आईटी और आईटीईएस (IT and ITES) क्षेत्र से जुड़े  400 लोगों के एक सर्वेक्षण, जो जुलाई  २०२२ में कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी ने कराया था, उससे पता चला है कि 65% लोग घर से काम करते हुए पार्ट-टाइम नौकरियाँ या मूनलाइटिंग कर रहे है।

मूनलाइटिंग को लेकर आईटी कंपनियाँ चिंतित क्यों है?

भारत में मूनलाइटिंग के पहले मामलों में से एक तब सामने आया जब एक मानव संसाधन प्रबंधक ने बेंगलुरु के एक व्यक्ति के कई सक्रिय भविष्य निधि खातों (Provident fund accounts) की जाँच में यह पाया कि वह सात अलग-अलग कंपनियों में काम कर रहा था। एक अन्य घटना तब सामने आई में, जब मुंबई की एक बड़ी फर्म के एक आईटी प्रमुख ने बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कार्यालय में आने से इनकार कर दिया, तो उनके जूनियरो ने इसकी शिकायत प्रबंधन से किया, जाँच के बाद उन्हें पता चला कि उस आईटी प्रमुख ने अपने आधिकारिक ईमेल का उपयोग दूसरी एक कंपनी को बड़ी फाइलें भेजने के लिए कर रहा था।

मूनलाइटिंग को जिन कारणों से कंपनियां सही नहीं मानती हैं उसके कुछ उदाहरण नीचे दिए गए है

  • हितों का टकराव (Conflict of Interest) : अगर कोई व्यक्ति एक ही प्रकार के दो कंपनियों में काम करता है तो यह सम्भव है कि प्राथमिक नौकरी पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है, उदाहरण के तौर पर मान लीजिये किसी कंपनी ने आपको अपने खर्चे पर किसी आईटी टेक्नोलॉजी पर ट्रेनिंग दिलवाया और आप काम सीखकर दूसरे किसी कंपनी के लिए उस टेक्नोलॉजी के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है । इस केस में पहली कंपनी का आप पर किया गया निवेश जाया हो जाता है
  • काम और उत्पादकता पर असर : यह लाजमी है, अगर आप एक से ज्यादा दो कंपनियों में काम करेंगे तो आपकी उत्पादकता (Productivity) खराब होगी। अधिक समय तक काम करने से मानसिक और शारीरिक थकावट होने से काम की गुणवत्ता पर असर आता ही है।
  • कंपनी के संसाधनों का दुरुपयोग : जैसा पहले चर्चा किया गया था कैसे एक आईटी मैनेजर ने कंपनी के ईमेल का उपयोग अपने दूसरे काम के लिए करता था। इसी प्रकार अगर आपकी कंपनी आपको लैपटॉप, इंटरनेट आदि सुविधाएं प्रदान कर रही है पर आप इसका उपयोग दूसरे प्रोजेक्ट्स के लिए कर रहे है जो सीधे तौर पर आपके कंपनी से नहीं जुड़ा है तो इसे संसाधनों का दुरुपयोग समझा जायेगा।

भारत के सन्दर्भ में मूनलाइटिंग की वैधता

आईटी पेशेवरों या प्रशासनिक या पर्यवेक्षी पदों पर काम करने वाले लोगों के लिए दोहरी नौकरियों के संबंध में भारत में कोई विशिष्ट कानून नहीं हैं। कानूनी विश्लेषकों और वकीलों के अनुसार, आईटी क्षेत्र के कर्मचारी दोहरे रोजगार को प्रतिबंधित करने वाले किसी भी व्यापक कानूनों से बंधे नहीं हैं।

एक सामान्य नियम के रूप में, जब तक आपने एक वैध रोजगार अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं किया है जो आपको दूसरी नौकरी लेने से रोकता है, एक से अधिक कंपनी के लिए काम करने के खिलाफ कोई कानून नहीं है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आपका नियोक्ता आपको मूनलाइटिंग में भाग लेने के लिए आपकी नौकरी समाप्त नहीं कर सकता है।

मूनलाइटिंग वैध/क़ानूनी है या अवैध/ग़ैर-क़ानूनी – इस पर बहस छिड़ी हुई है।

  • २० अगस्त को, विप्रो (Wipro) के अध्यक्ष ऋषद प्रेमजी ने सार्वजनिक रूप से मूनलाइटिंग पर अपने विचार रखते हुए इसे “सादा और सरल धोखाधड़ी” कहते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की।
  • इंफोसिस (Infosys) ने अपने कर्मचारियों को एक रिमाइंडर मेल भेजा है जिसमें यह उल्लेख है कि मूनलाइटिंग या दोहरी नौकरी करने वाले कर्मचारी, कर्मचारी आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे है, और पकड़े जाने पर उनको नौकरी से बर्खास्त भी किया जा सकता है।
  • वही दूसरी तरफ टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) के सीपी गुरनानी ने हाल ही में ट्वीट किया कि समय के साथ बदलते रहना आवश्यक है और हम काम करने के नए तरीकों का स्वागत करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अपनी दक्षता और उत्पादकता लक्ष्यों को पूरा करने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त आय की स्वतंत्र होना चाहिए।

मूनलाइटिंग पर नवीनतम अपडेट

विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष ऋषद प्रेमजी ने बुधवार (२२ सितंबर) को कहा कि कंपनी ने 300 कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया, जो कंपनी के पेरोल पर रहते हुए विप्रो के प्रतिद्वंद्वियों के लिए काम कर रहे थे।

लेख का सारांश

मूनलाइटिंग को लेकर कंपनियों में अभी काफी मतभेद है। लेकिन अगर कोई दोहरी नौकरी करना चाहता है तो सबसे पहले अपना एंप्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट जरूर अच्छी तरह से पढ़ ले और अपने मैनेजर से बात भी कर ले और अगर आपके कम्पनी में मूनलाइटिंग अवैध नहीं है, तब फिर आप अत्यधिक काम के बीच अपनी सेहत को जरूर ध्यान रखे ।

About the Author

Sudeep Chakravarty

Website | + posts

नमस्कार दोस्तों ! मेरा नाम सुदीप चक्रवर्ती है और मैं बनारस का रहने वाला हूँ । नए-नए विषयो के बारे में पढ़ना, लिखना मुझे पसंद है, और उत्सुक हिंदी के माध्यम से उन विषयो के बारे में सरल भाषा में आप तक पहुंचाने का प्रयास करूँगा।

अगर आपने आज कुछ नया जाना तो अपने नेटवर्क में शेयर करे

Post Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

© 2022-23 Utsukhindi – All Rights Reserved.